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मौसम की मार झेल रहे लीची किसान, पढ़िए पूरी ख़बर

शाही लीची
मौसम की मार झेल रहे लीची किसान

 

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में लीची के उत्पादन पर मौसम में उतार-चढ़ाव का काफी असर पड़ा है। इसकी मार से सबसे ज्यादा शाही प्रभावित हुई, जिसमें करीब 40 से 50 प्रतिशत का नुकसान हुआ है। उसके बाद अब किसानों को चाइना लीची से आस है। शाही की अपेक्षा चाइना लीची कम प्रभावित हुई है।

 

इसको लेकर किसान उद्यान रत्न किसान भोलानाथ झा ने कहा कि शाही की अपेक्षा चाइना थोड़ा बेहतर है। चाइना लीची का साइज छोटा है, जिसमें पिछले साल 20 जून तक बाजार में चाइना रही। अब इस बार 15 से 18 जून के बीच ही बाग से खत्म हो जाएगी और यह शाही कम होने से अब चाइना भी टूटने लगी है। चाइना लीची का साइज भी इस बार छोटा हो गया और समय से पहले ही लाल हो गई। पिछले साल 20 जून तक चाइना थी। इस बार जो हालत है उसके हिसाब से 15 जून तक ही बाजार में रहेगी। इस बार देश में दिल्ली, मुंबई और लखनऊ के साथ नेपाल भी लीची जा रही है। जो पिछली बार में ₹70 से ₹80 रुपये किलो लीची बाग से बिकी। अब इस बार ₹100 से ₹120 रुपये बिक रही है।

 

किसान भोलानाथ झा ने बताया कि मौसम में उतार-चढ़ाव के कारण सबसे ज्यादा असर मंजर से लेकर फल तक हुआ प्रभावित हुआ। इसमें सबसे ज्यादा असर शाही लीची को हुआ है, जबकि चाइना लीची कम प्रभावित हुई है। यह 15 से 18 जून के बीच ही बाग से खत्म हो जाएगी। इस बार लीची का करीब एक लाख टन उत्पादन हुआ है। इसमें शाही 40 हजार टन और चाइना 60 हजार टन है। इस बार शाही का 60 प्रतिशत उत्पादन प्रभावित हो गया। वहीं, चाइना 10 प्रतिशत और यह भी टूटने लगी है। हालांकि चाइना का फल स्वस्थ है। इस बार खाड़ी के देश में भी लीची गई। मुजफ्फरपुर के कांटी और बंदरा में बेहतर लीची का उत्पादन हुआ है। लीची किसान ने कहा कि इस बार मौसम के कारण शाही बहुत प्रभावित हुई है। मंजर से लेकर फल झड़ने की समस्या रही, शाही लीची को मौसम ने प्रभावित किया।

 

जानकारी के मुताबिक, मुजफ्फरपुर से पवन एक्सप्रेस में लगकर जा रहे प्रतिदिन एक उच्च क्षमता पार्सल यान में पूरी लोडिंग नहीं जा रही है। इससे रेलवे को अपेक्षा के अनुसार आमदनी नहीं हो रही। एक सप्ताह से भी वीपी लीची से भरकर नहीं जा रहा। पिछले साल की तुलना से 10 दिनों की लीची की ढुलाई में कमी आई है और 24 टन की कैपेसिटी वाले इस कोच में मजह 15 टन तक लीची जा रही है। इसके साथ ही लीची के ट्रांसपोर्ट को लेकर देरी की वजह से परेशानी बढ़ी है। लोगों की मांग और आपूर्ति से आ रही कठिनाई में इसका असर देखने को मिला

 

Soch India Desk
Author: Soch India Desk

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